सौरमण्डल में पृथ्वी Class 6th भूगोल Notes, Solution & MCQs
खगोलीय पिंड :
सूर्य , चन्द्रमा , तारे तथा अन्य वे सभी वस्तुएं जो रात के समय चमकती है उन्हें खगोलीय पिंड कहते हैं। कुछ खगोलीय पिंड बड़े आकार वाले तथा गर्म होते हैं। इन खगोलीय पिंडों के पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होता है। इन पिंडो को तारा कहते हैं। सूर्य भी एक तारा है। सूर्य पृथ्वी से नजदीक है और अन्य तारे दूर है। इस लिए सूर्य हमें बड़ा और अन्य तारे छोटे दिखाई देते हैं।
चन्द्रमा : एक खगोलीय पिंड है जो पृथ्वी का उपग्रह है। इसे अलग अलग समय पर अलग आकार तथा अलग स्थिति में देखा जा सकता है।
पूर्णिमा : जब रात को चन्द्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देता है उसे पूर्णिमा कहते हैं।
अमावस्या : जब रात को चन्द्रमा दिखाई नहीं देती है , उसे अमावस्या कहते हैं। इस रात को आसमान में तारे स्पष्टत दिखाई देते हैं।
सूर्य के तेज प्रकाश की वजह से रात के समय चमकने वाली वस्तुएं हमें दिन को दिखाई नहीं देती है।
नक्षत्रमंडल :
तारों के विभिन्न समूहों द्वारा बनाई गई विभिन्न प्रकार की आकृति नक्षत्रमण्डल कहलाते हैं। अर्सा मेजर या बिग बीयर इसी प्रकार का एक नक्षत्रमंडल है। सात तारों के समूह (सप्त ऋषि) अर्सा मेजर का भाग है।
ध्रुव तारा : ध्रुव तारा आसमान में हमेशा एक ही स्थान पर रहता है है। यह तारा हमेशा उत्तर दिशा को बताता है।
ग्रह :
ग्रह शब्द जिसे अंग्रेजी में planet कहते हैं , ग्रीक भाषा के Planetal शब्द से बना है जिसका अर्थ है चारों ओर घूमने वाले। ग्रह एक खगोलीय पिंड है , जिसका कोई अपना प्रकाश एवं ऊष्मा नहीं होती है। ग्रह अपना सम्पूर्ण प्रकाश एवं ऊष्मा सूर्य से प्राप्त करते हैं। चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह है।
सौरमंडल : सूर्य, आठ ग्रह , उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड , जैसे क्षुद्र ग्रह एवं उल्कापिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं। सौरमंडल का मुख्य सूर्य है।
सूर्य :
सूर्य सौरमंडल के केंद्र स्थित है और यह सभी ग्रहों को खिचांव बल से बांधे रखता है। सूर्य में अत्यधिक ऊष्मा और प्रकाश होती है। सूर्य गर्म गैसों से बना है। सूर्य पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर है।
ग्रह :
सौरमंडल में आठ ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार -बुध , शुक्र , मंगल , बृहस्पति , शनि , यूरेनस तथा नेप्च्यून। सौरमंडल के सभी ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य चक्र लगाते हैं। ये दीर्घवृताकार में फैले हुए हैं। ये कक्षा कहलाते हैं। बुध सूर्य के सबसे नजदीक है और नेप्च्यून सबसे दूर का ग्रह है। प्लूटो को भी अभी तक ग्रह माना जाता था। परन्तु अंतराष्ट्रीय खगोलीय संगठन ने अगस्त 2006 में प्लूटो को बौने ग्रह में शामिल किया।
बुध : सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमण -88 दिन
अपने अक्ष पर घूर्णन -59 दिन
शुक्र :सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमण -255 दिन
अपने अक्ष पर घूर्णन – 243 दिन
पृथ्वी :सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमण -365 दिन
अपने अक्ष पर घूर्णन -01 दिन
मंगल : सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमण -687 दिन
अपने अक्ष पर घूर्णन -01 दिन
बृहस्पति : सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमण -11 साल , 11 महीने
अपने अक्ष पर घूर्णन -09 घंटे , 56 मिनट
शनि : सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमण -29 साल , 5 महीने
अपने अक्ष पर घूर्णन – 10 घंटे 40 मिनट
यूरेनस : सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमण -84 साल
अपने अक्ष पर घूर्णन -17 घंटे , 14 मिनट
नेप्च्यून :सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमण -164 साल
अपने अक्ष पर घूर्णन -16 घंटे , 07 मिनट
उपग्रह : उपग्रह एक खगोलीय पिंड है , जो ग्रहों के चारों ओर उसी प्रकार चक्कर लगाता है , जिस प्रकार ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।
पृथ्वी (एक ग्रह ) :
पृथ्वी सौरमंडल का एक ग्रह है। सूर्य से दूरी के अनुसार पृथ्वी तीसरा ग्रह है। पृथ्वी आकार में पाँचवाँ सबसे बड़ा ग्रह है। यह ध्रुवों के पास थोड़ी चपटी है। इसी वजह से इसके आकार को भू-आभ कहा जाता है। पृथ्वी न अधिक गर्म है और न ही अधिक ठंडी है। यहां पानी एव वायु उपस्थित है , जो जीवन के लिए आवश्यक है। इस कारण पृथ्वी सौरमंडल का सबसे अद्भुत ग्रह कहा जाता है। अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीली दिखाई देती है क्योंकि इसकी दो-तिहाई सतह जल से ढकी है। इसलिए इसे नीला ग्रह कहा जाता है।
चन्द्रमा :
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का केवल एक -चौथाई है। चन्द्रमा पृथ्वी से लगभग 3,84,400 किलोमीटर दूर है। चन्द्रमा पृथ्वी का एक चक्र लगभग 27 दिन में पूरा करता है। चन्द्रमा की परिस्थितयाँ जीवन के लिए अनुकूल नहीं है। चन्द्रमा की सतह पर पर्वत , मैदान एवं गड्ढे हैं जो चन्द्रमा की सतह पर छाया बनाते हैं। नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति थे , जिन्होंने 21 जुलाई 1969 को सबसे पहले चन्द्रमा की सतह पर कदम रखा।
क्षुद्र ग्रह : तारों ,ग्रहों एवं उपग्रहों के अतिरिक्त , असंख्य छोटे पिंड भी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। इन पिंडों को क्षुद्र कहते हैं। ये मंगल एवं बृहस्पति की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं।
उल्कापिंड : सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे -छोटे टुकड़ों को उल्कापिंड कहते हैं।
आकाशगंगा (मिल्की वे) : आकाशगंगा करोड़ो तारों , बादलों तथा गैसों का समूह है। हमारा सौरमंडल आकाशगंगा का एक भाग है। लाखों आकाशगंगाएं मिलकर ब्रह्माण्ड का निर्माण करती है।
अभ्यास
- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए :
(i) ग्रह और तारे में क्या अंतर है ?
उत्तर : ग्रह : ग्रह एक खगोलीय पिंड है जो तारे का चक्कर लगाते हैं। ग्रह का अपना प्रकाश और ऊष्मा नहीं होती है।
तारे : तारे वे खगोलीय पिंड हैं जिनके पास अपना प्रकाश तथा ऊष्मा होता है। ये गैसों के बने होते हैं। सूर्य भी एक तारा है।
(ii) सौरमंडल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : सूर्य , आठ ग्रह , उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड , जैसे क्षुद्र ग्रह एवं उल्कापिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं।
(iii) सूर्य से उनकी दूरी के अनुसार सभी ग्रहों के नाम लिखें।
उत्तर : बुध , शुक्र, पृथ्वी , मंगल ,बृहस्पति ,शनि ,यूरेनस और नेप्च्यून।
(iv) पृथ्वी को अद्भुत ग्रह क्यों कहा जाता है ?
उत्तर : पृथ्वी को अद्भुत ग्रह कहते हैं क्योंकि पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए अनुकूल परिस्थियाँ पाई जाती है। यहाँ पानी एवं वायु उपस्थित है जो जीवन जीने के लिए आवश्यक है।
(v) हम हमेशा चन्द्रमा के एक ही भाग को क्यों देख पाते हैं ?
उत्तर : चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा करने में लगभग 27.3 दिन लगते हैं, और अपनी धुरी पर एक पूर्ण चक्कर पूरा करने में लगभग उतना ही समय लगता है। परिणामस्वरूप, चंद्रमा का एक ही भाग पृथ्वी से दिखाई देता है।
(vi) ब्रह्माण्ड क्या है ?
उत्तर : आकाशगंगा करोड़ों तारों , बादलों तथा गैसों की एक प्रणाली है। इस प्रकार की लाखों आकाशगंगाएं मिलकर ब्रह्माण्ड का निर्माण करती है।
- सही उत्तर चिन्हित कीजिए :
(i) किस ग्रह को पृथ्वी के जुड़वाँ ग्रह के नाम से जाना जाता है ?
क. बृहस्पति
ख. शनि
ग. शुक्र
उत्तर : ग. शुक्र
(ii) सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह कौन सा है ?
क. शुक्र
ख. पृथ्वी
ग बुध
उत्तर : ख. पृथ्वी
(iii) सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर किस प्रकार के पथ पर चक्कर लगाते हैं –
क. वृतीय पथ पर
ख. आयताकार पथ पर
ग. दीर्घवृताकार
उत्तर : ग. दीर्घवृताकार
(iv) ध्रुव तारे से किस दिशा का ज्ञान होता है –
क. दक्षिण
ख. उत्तर
ग. पूर्व
उत्तर :ख. उत्तर
(v) क्षुद्र ग्रह किन कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं –
क. शनि एवं बृहस्पति
ख. मंगल एवं बृहस्पति
ग. पृथ्वी एवं मंगल
उत्तर : ख. मंगल एवं बृहस्पति
- खाली स्थान भरें।
(i) तारों का एक समूह जो विभिन्न प्रतिरूपों का निर्माण करता है , उसे तारामंडल कहते हैं।
(ii) तारों की एक बड़ी प्रणाली को आकाशगंगा कहा जाता है।
(iii) चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे करीब है।
(iv) पृथ्वी सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह है।
(v) ग्रहों के पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश नहीं होती है।
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